माँ कामाख्या शक्ति पीठम

माँ कामाख्या ज्योतिष पीठम अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्राणी मात्र के कल्याणार्थ अपने प्रकल्पों के लिए संकल्पित है । इस संसार मे जन्म लेने के बाद मनुष्य कही न कही ग्रहबाधा, देव बाधा ,पितृ बाधा ,गृहकलह के साथ - साथ तांत्रिक अभिचार( यंत्र ,मन्त्र,तंत्र) की...

कमला महाविद्या

दश महाविद्या की प्रमुख शक्तियों में से एक कमला महाविद्या को जाना जाता है । तीनों लोकों को वश में करने के कारण इन्हें त्रैलोक्य माता भी कहा जाता है । यह विद्या सामान्य रूप से धन - धान्य प्रदान करने वाली सौभाग्य को देने वाली या यूं कहें तो समस्त ऐश्वर्य को प्रदान...

मातङ्गी महाविद्या

मातङ्गी महाविद्या :- भगवती मातङ्गी नवीं महाविद्या के रूप में संसार में जानी जाती है । इसके शिव मतङ्ग है । इन्हें संगीत और विद्या की देवी सरस्वती का तांत्रिक स्वरूप माना जाता है । इसी विद्या शक्ति को मोहरात्रि के रूप में हम सभी पूजते है । अलौकिक शक्तियों से युक्त ये...

भुवनेश्वरी महाविद्या

भुवनेश्वरी महाविद्या - दश महाविद्या शक्तियों में भगवती भुवनेश्वरी को "" चतुर्थ विद्या के रूप में जाना जाता है । इनकी उपासना से इस संसार के समस्त जीवों को सम्मोहित किया जा सकता है । यह वाणी की अधिष्ठात्री देवी है । तथा इसी का अमरनाम " राजराजेश्वरी है । यही सिद्ध दात्री...

गणपति बप्पा मोरया

गणेश शुभांकर हैं। विघ्नहर्ता हैं। कुशल प्रबंधक हैं। आदि लेखक हैं।सृष्टि के पहले लिपिकार हैं।शास्त्रों के ज्ञाता हैं।ऋद्धि और सिद्धि उनकी पत्नी है।शुभ (समृद्धि) और लाभ उनकी संतानें हैं।बुरी नजरों के वे दुश्मन हैं।लोक में सबसे ज़्यादा उनकी व्याप्ति हैं।वे प्रकृति प्रेमी...

राजनीति में कैरियर कौन बना सकते है

राजनीति में कैरियर सेटल हो जाने के बाद जातक एक बहुत अच्छे मुकाम पर आ जाता है पीढ़ियां तक बैठकर राज करती है तो आज इसी बारे में बात करते है राजनीति में कैरियर किनका बन सकता है और क्या पद हासिल हो पायेगा कुंडली का दसवां भाव राजनीति का है ग्रहों में सूर्य शनि गुरु राहु यह...

प्रेम सम्बन्ध के योग

शुक्र और चन्द्र ग्रह का प्रभाव ज्योतिष विद्या के अनुसार ग्रहो का प्रभाव हर किसी की मनोदशा को प्रभावित करता है। जन्म के समय ग्रहो की जैसी स्थिति होती है वैसा हीं मनुष्य का स्वभाव हो जाता है। जन्म कुण्डली में शुक्र को प्रेम का कारक ग्रह माना जाता है। यह भौतिक सुखो का...

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महापर्व

सप्तमी व अष्टमी के वेध से दूषित है जन्माष्टमी व्रत यह भ्रम नही तो क्या है ?धर्म ग्रन्थों में जन्माष्टमी व्रत दो अलग -अलग दिन मनाए जाने की परम्परा चली आ रही या यूं कहें तो यह पर्व तीन दिन में भी मनाया जाता है । यह व्रत प्रथम स्मार्त ( गृहस्थ) ,व द्वितीय वैष्णव के साथ...

राशि व उसके जातकों के लिए दशमहाविद्या

राशि व उसके जातकों के लिए दशमहाविद्या शक्ति के अलग - अलग प्रयोग व साधन : काली महाविद्या : दशमहाविद्या तंत्र की यह पहली शक्ति है जिसके पूजन ,जप ,पाठ से देवी को शीघ्र प्रसन्न कर साधक अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण कर लेता है । आम - जन की दृष्टि में काली महाविद्या विशेष कर...