मातङ्गी महाविद्या :- भगवती मातङ्गी नवीं महाविद्या के रूप में संसार में जानी जाती है । इसके शिव मतङ्ग है । इन्हें संगीत और विद्या की देवी सरस्वती का तांत्रिक स्वरूप माना जाता है । इसी विद्या शक्ति को मोहरात्रि के रूप में हम सभी पूजते है । अलौकिक शक्तियों से युक्त ये भगवती अपने उपासकों के अभीष्ट को देने वाली है । इस कलियुग के दाम्पत्य पीड़ा जैसे घोर अभिशाप का नाश कर शीघ्र ही सुखद गार्हस्थ की पूर्णता व पति – पत्नी के आपसी सौहार्द की उपलब्धि को प्रदान करता है ।
खास तौर पर कन्या के विवाह में आने वाली बाधाओं अथवा वांछित स्थान पर सम्बन्ध न हो पाने की स्थिति में भगवती मातङ्गी की उपासना प्रभावकारी सिद्ध होती है । 
इस महाविद्या का कारक ग्रह सूर्य है । अतः जिस किसी भी जातक का सूर्य पीड़ित हो उसे भगवती मातङ्गी की अर्चना करनी चाहिए । चुकी सूर्य आत्मा का कारक है व दाम्पत्य की शुभता भी परस्पर आत्मीय बोध से ही शुभकर होगा इसी कारण इस कलियुग के इस दाम्पत्य पीड़ा का एक मात्र रामबाण उपाय भगवती मातङ्गी का शरण लेना ही शुभकर होगा ।