माँ कामाख्या ज्योतिष पीठम अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्राणी मात्र के कल्याणार्थ अपने प्रकल्पों के लिए संकल्पित है । इस संसार मे जन्म लेने के बाद मनुष्य कही न कही ग्रहबाधा, देव बाधा ,पितृ बाधा ,गृहकलह के साथ – साथ तांत्रिक अभिचार( यंत्र ,मन्त्र,तंत्र) की क्रियाओं से पीड़ित हो जाया करता है । आज के इस बदलते परिवेश ने सबको अपने जीवन में आगे बढ़ने की लालसा एक दूसरे के प्रति द्वेष ,ईष्या को प्रकट कर इन क्रियाओं पर विशेष बल दे रहा है । देखा जाए तो आज कल सभी यैसे तांत्रिक पीठों पर साधकों से अधिक इनसे पीड़ित आम-जनों की लंबी कतार लगी है जो उन आचार्यो से तांत्रिक पूजा के लिए पहुँचे हुए है ।
ये दशमहाविद्या इस कलियुग की वह स्फोट शक्तियां है जिनके प्रयोग से संसार के समस्त वैभव व जीवन में आने वाली बाधाओं से निजात पाया जा सकता है । इन्ही सारी बातों को ध्यान में रखते हुए माँ कामाख्या ज्योतिष पीठम के निदेशक आचार्य श्री द्वारा दशमहाविद्या के प्रयोग से मानव जाति की शुभता की कामना हेतु विभिन्न प्रकल्पों को एक नया आयाम दिया जा रहा है ।आचार्य श्री स्वयं माँ कामाख्या पीठ जो कि इस संसार की अलौकिक तंत्र साधना की पीठों में से एक है । उसकी साधना परम्परा के कुशल आचार्य है ।

काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी
भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा ।।
बगला सिद्धविद्या च मातंगी कमलात्मिका ।
एते दशमहाविद्या सिद्धविद्या प्रकीर्तिता ।।

आगम शास्त्र में अविद्या, विद्या एवं महाविद्या इन तीनों का वर्णन प्राप्त होता है । जो कि सांसारिक कार्यो में हमारी सहायता करती है उसे अविद्या कहते है । जैसे – हमारे दैनिक जीवन मे आने वाली समस्त बाधाएं जैसे कि – न्यायालय विवाद, शत्रुपीडा ,गृहकलह,अपयश, शारीरिक पीड़ा आदि से होने वाले कष्टों का निदान कर हमें सहायता प्रदान करने व एक नई ऊर्जा की अनुभूति उत्पन्न कराता है ।

विद्या – गृहस्थ जीवन की पूर्णता व उससे धर्मार्थ चतुष्टय की प्राप्ति के साथ – साथ आध्यात्मिक जीवन में ,भौतिक जीवन में आने वाली समस्याओं को तंत्र साधना के क्रम में मुक्ति मार्ग का बोध कराए वही विद्या शक्ति है ।

महाविद्या – महाविद्या शक्ति मनुष्य को उसके जीवन की समस्त अवरोध कारिणी तंत्रिका शक्ति को निषेध कर भोग व मोक्ष को प्रदान करें वही महाविद्या शक्ति है ।