


आचार्य विवेक उपाध्याय ( साधक)
ज्योतिषाचार्य / माँ कामाख्या ज्योतिष पीठम् (ट्रस्ट )
माँ कामाख्या ज्योतिष पीठम् (ट्रस्ट ) शक्ति साधना का सीधा विहंगम मार्ग है । यहां स्वयं के द्वारा ही साधना के बल पर मनुष्य के शरीर में शक्ति का संचार करके उसकी सुप्ता अवस्था को प्राप्त कुंडलिनी शक्ति को जागृत कर जीवन प्रवाहिका शक्ति को गति प्रदान करने का कार्य करती है ।
यह भाव व कृपा शिष्य पर सद्द्गुरू के अनुग्रह से ही प्राप्त हो सकता । संस्था आम जन को उनके भौतिक जीवन से कुछ समय आध्यात्मिक मार्ग को अपनाने व उसको धारण करने का निवेदन करता है : आचार्य श्री जो कि माँ कामाख्या की तंत्र साधना के सिद्ध साधकों में से एक है । उनके द्वारा स्वयं आसन, प्राणायाम, क्रिया ,मुद्रा ,ज्ञान, ध्यान ,प्रदक्षिणा ,जप – पाठ ,होम आदि का अभ्यास करा कर स्वयं के कुंडलिनी चक्रों को जागृत कराने का कार्य कर रहे है । उनका मानना है कि अनादि काल से ही कामाख्या की तंत्र साधना आम -जन को आकर्षित किये हुए है । सृष्टि प्रारम्भ से लेकर आज वर्तमान कलिकाल में भी शक्तिपात तंत्र शास्त्र का लोप नही हुआ । किंतु यह सास्वत सत्य भी है कि यह गुरु परम्परा से शिष्य – प्रशिष्य परम्परा में क्रिया रूप में चलता चला आ रहा है ।
संस्था प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा के संबर्धन के लिए तत्पर है । जिसके लिए स्वयं आचार्य श्री द्वारा समय – समय पर कठिन नियमो का अनुपालन किया जा रहा है ।

नवरात्रि में मां के 9 स्वरूपों को चढ़ाएं ये 9 भोग
नवरात्रि पर्व पर माता की आराधना के साथ ही व्रत-उपवास और पूजन का विशेष महत्व है। जिस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन, मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, उसी प्रकार इस नौ दिनों में माता को प्रत्येक दिन के अनुसार भोग या प्रसाद अर्पित करने से देवी मां सभी प्रकार की...

माँ कामाख्या ज्योतिष पीठम् (ट्रस्ट )
माँ कामाख्या ज्योतिष पीठम अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्राणी मात्र के कल्याणार्थ अपने प्रकल्पों के लिए संकल्पित है । इस संसार मे जन्म लेने के बाद मनुष्य कही न कही ग्रहबाधा, देव बाधा ,पितृ बाधा ,गृहकलह के साथ - साथ तांत्रिक अभिचार( यंत्र ,मन्त्र,तंत्र) की...

गणपति बप्पा मोरया
गणेश शुभांकर हैं। विघ्नहर्ता हैं। कुशल प्रबंधक हैं। आदि लेखक हैं।सृष्टि के पहले लिपिकार हैं।शास्त्रों के ज्ञाता हैं।ऋद्धि और सिद्धि उनकी पत्नी है।शुभ (समृद्धि) और लाभ उनकी संतानें हैं।बुरी नजरों के वे दुश्मन हैं।लोक में सबसे ज़्यादा उनकी व्याप्ति हैं।वे प्रकृति प्रेमी...

राजनीति में कैरियर कौन बना सकते है
राजनीति में कैरियर सेटल हो जाने के बाद जातक एक बहुत अच्छे मुकाम पर आ जाता है पीढ़ियां तक बैठकर राज करती है तो आज इसी बारे में बात करते है राजनीति में कैरियर किनका बन सकता है और क्या पद हासिल हो पायेगा कुंडली का दसवां भाव राजनीति का है ग्रहों में सूर्य शनि गुरु राहु यह...

प्रेम सम्बन्ध के योग
शुक्र और चन्द्र ग्रह का प्रभाव ज्योतिष विद्या के अनुसार ग्रहो का प्रभाव हर किसी की मनोदशा को प्रभावित करता है। जन्म के समय ग्रहो की जैसी स्थिति होती है वैसा हीं मनुष्य का स्वभाव हो जाता है। जन्म कुण्डली में शुक्र को प्रेम का कारक ग्रह माना जाता है। यह भौतिक सुखो का...

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महापर्व
सप्तमी व अष्टमी के वेध से दूषित है जन्माष्टमी व्रत यह भ्रम नही तो क्या है ?धर्म ग्रन्थों में जन्माष्टमी व्रत दो अलग -अलग दिन मनाए जाने की परम्परा चली आ रही या यूं कहें तो यह पर्व तीन दिन में भी मनाया जाता है । यह व्रत प्रथम स्मार्त ( गृहस्थ) ,व द्वितीय वैष्णव के साथ...

राशि व उसके जातकों के लिए दशमहाविद्या
काली महाविद्या - शनि ग्रह : दशमहाविद्या तंत्र की यह पहली शक्ति है जिसके पूजन ,जप ,पाठ से देवी को शीघ्र प्रसन्न कर साधक अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण कर लेता है । आम - जन की दृष्टि में काली महाविद्या विशेष कर वाममार्ग की साधना के अंतर्गत आता है । वैसे यह शक्ति अपने साधक पर...